Desh Deshantar : अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान और अधिकार | Rights of Minority Educational Institutions
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग अधिनियम 2008 की संवैधानिकता को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया है कि सरकार से सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और यू यू ललित की पीठ ने ये फैसला दिया है.. मामला पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग अधिनियम 2008 की वैधता से संबंधित है, जिसने मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक आयोग का गठन किया था। मदरसों की समितियों के प्रबंधन की ओर से दायर याचिकाओं पर 2015 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इसी अधिनियम को संविधान के अनुच्छेद 30 के विपरीत को घोषित किया था, जो अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के अधिकार से संबंधित है। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कुछ शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की गई थी.
Anchor:- Kavindra Sachan
Producer: Sagheer Ahmad
Guest Name:-
Satya Prakash, Legal Editor, The Tribune
सत्य प्रकाश, विधि संपादक, द ट्रिब्यून
Mehtab Alam, Principal, Madarsa Iqra Public School Ghaziabad
महताब आलम, प्राचार्य, मदरसा इक़रा पब्लिक स्कूल, गाजियाबाद
Alishan Naqvee, Advocate, Supreme Court
अलीशान नक़वी, वकील, सुप्रीम कोर्ट
Ajaz Ahmad, National President, Islamic Madarsa Modernization Teachers Association of India
एजाज़ अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इस्लामिक मदरसा मॉडर्नाइजेशन टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया
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